एक साथ टिकट लेने गए हिन्दू-मुस्लिम यात्रियों के जेल जाने की आई नौबत

बुधवार को प्रतापगढ़ रेलवे आरक्षण काउंटर पर एक ही फार्म पर तत्काल यात्रा का टिकट बनवाने गए हिंदू-मुसलमान युवकाें के जेल जाने की नौबत आ गई। बिना किसी ठोस आधार के आरक्षण और आरपीएफ कर्मियों ने चारों युवकों को दलाल बताकर जेल भेजने की पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन एसएस और एसएम ने युवकों को न केवल जेल जाने से बचाया बल्कि उनका छीना गया टिकट भी वापस दिलवाया।

छतरपुर के रहने वाले हरीलाल, रामअचल, इमरान खां और अब्दुल मजीद गांव के पड़ोसी होने के साथ ही दोस्त भी हैं। गुरुवार को इनको साकेत एक्सप्रेस से मुंबई जाना था। बुधवार को को ये चारों मुंबई का तत्काल टिकट बनवाने के लिए प्रतापगढ़ आरक्षण काउंटर पर लाइन में लगे थे। खिड़की नंबर 751 से मिले एक फार्म पर चारों ने अपना नाम भरकर काउंटर पर दे दिया। हरीलाल और इमरान का आरोप है कि टिकट बन जाने के बाद आरक्षण कर्मियों ने उनसे टीकट छीनकर अपने पास रख लिया। एक ही फार्म पर हिंदू और मुसलमान यात्रियों का नाम देखकर दलाल होने के आरोप लगाने लगे। कर्मियों का तर्क था कि हिंदू और मुसलमान का एक ही फार्म पर तत्काल का टिकट नहीं बन सकता है। अगर कोई ऐसा कर रहा है तो दलाल की श्रेणी में आता है।

कर्मचारियों की बातें सुनकर चारों युवक सीधे एसएम कार्यालय पहुंचे और एसएम इबरार अहमद से कर्मियों द्वारा की गई बदलसूकी की शिकायत करते हुए टिकट दिलवाने की मांग की। एसएम के आश्वासन पर चारों काउंटर पर आकर खड़े हो गए। इधर, मामला बढ़ता देख आरक्षण कर्मियों ने अपने बचाव के लिए आरपीएफ  को बुला लिया। आरपीएफ वाले आए और  चारों युवकों को थाने ले गए। इसकी जानकारी एसएस केएन शर्मा को हुई तो उन्होंने फौरन एसएम इबरार अहमद को मौके पर भेजा। पहले तो इबरार ने आरक्षण कर्मियों के सामने दलील रखी। कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं हैं। उनके द्वारा अनसुनी किए जाने पर वे सीधे आरपीएफ थाने पहुंचे। तर्क दिया कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि हिंदू और मुसलमान एक ही टिकट पर यात्रा करते हैं तो दलाल हो गए। मगर, आरपीएफ वाले समझने को तैयार नहीं हुए। वे युवकों को छोड़ने और उनका टिकट दिलाने के पक्ष में नहीं दिखे। जांच पड़ताल के बहाने युवकों को एक घंटे तक रोककर परेशान किया गया। दबाव बढ़ने पर आरपीएफ वालों ने जांच का बहाना लिया। मगर जांच में भी पुलिसवालों को चारों के दलाल होने का कोई भी सबूत नहीं मिला। उधर, अधिकारियों के फोन थाने पर आने लगे तो आरपीएफ वालों को युवकों को छोड़ना पड़ा। उनका छीना गया टिकट भी एसएम इबरार ने अहमद ने दिलवा दिया।

एसएस केएन शर्मा का कहना था कि हिंदू और मुसलमान का एक फार्म पर टिकट न बनाने को कोई भी नियम नहीं है। चारों युवकों को दलाल बताकर थाने ले गए थे। शिकायत मिलने पर उन्होंने एसएम इबरार को मौके पर भेजा था। एसएम इबरार का कहना था कि हरीराम और उसके तीन दोस्त तत्काल का टिकट लेने आए थे। उनको दलाल की शंका पर आरपीएफ  ले गई थी। आरक्षण काउंटर पर उनका टिकट भी ले लिया गया था।

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