पीलीभीत : पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक के निर्देश पर रेलवे विभाग के अफसर खरे नहीं उतर सके हैं। तय समय सीमा में देवहा नदी के पुल का निर्माण पूरा नहीं किया जा सका, जिसे इंजीनियरों ने वादा किया था। वहीं स्टेशन का प्लेटफार्म अधूरा पड़ा हुआ है। प्लेटफार्म संख्या एक के वाशेवुल एप्रन को बहुत धीमी गति से बनाया जा रहा है, जिससे बड़ी लाइन की ट्रेन तय समय में दौड़ पाना मुश्किल लग रहा है। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने 28 नवंबर 2015 को भोजीपुरा-पीलीभीत-टनकपुर मीटर गेज के अमान परिवर्तन कार्य का शुभारंभ किया था। इसके बाद मीटर गेज को अमान परिवर्तन में बदलने का काम तेजी से शुरू हो गया। अमान परिवर्तन कार्य को देखने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव मिश्र तीन बार पीलीभीत आ चुके हैं। उनके आगमन से पहले ब्रॉडगेज काम को गति दे दी जाती है, बाद में काम को धीमी गति से किया जाता है।
ये निर्माण कार्य किए जाने हैं शेष
-नई रेल पटरियों को बिछाया जाना है।
-स्टेशन के प्लेटफार्म को ऊंचा करना है।
-प्लेटफार्म की छत को ऊंचा किया जाना है।
-देवहा नदी पुल पर निर्माण कार्य पूरा करना है।
-स्टेशन पर ¨सग्न¨लग कार्य को पूरा करना है।
-स्टेशन के मालगोदाम का निर्माण किया जाना है।
टनकपुर लाइन बंद होने में रह गए बारह दिन
पीलीभीत-टनकपुर मीटर गेज लाइन को अमान परिवर्तन कार्य के लिए 16 जून से मेगा ब्लॉक लिया जा रहा है। इस दौरान ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद हो जाएगा। टनकपुर लाइन बंद होने में महज बारह दिन शेष रह गए हैँ। इसके बाद मीटर गेज की ट्रेनें इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएंगी। इस रूट पर पड़ने वाले पुल-पुलियों को बनाने का काम पहले ही पूरा कर लिया गया है। रेल पटरियों के किनारे सीमेंटेड स्लीपर पहले ही डाले जा चुके हैं।
ये निर्माण कार्य किए जाने हैं शेष
-नई रेल पटरियों को बिछाया जाना है।
-स्टेशन के प्लेटफार्म को ऊंचा करना है।
-प्लेटफार्म की छत को ऊंचा किया जाना है।
-देवहा नदी पुल पर निर्माण कार्य पूरा करना है।
-स्टेशन पर ¨सग्न¨लग कार्य को पूरा करना है।
-स्टेशन के मालगोदाम का निर्माण किया जाना है।
टनकपुर लाइन बंद होने में रह गए बारह दिन
पीलीभीत-टनकपुर मीटर गेज लाइन को अमान परिवर्तन कार्य के लिए 16 जून से मेगा ब्लॉक लिया जा रहा है। इस दौरान ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद हो जाएगा। टनकपुर लाइन बंद होने में महज बारह दिन शेष रह गए हैँ। इसके बाद मीटर गेज की ट्रेनें इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएंगी। इस रूट पर पड़ने वाले पुल-पुलियों को बनाने का काम पहले ही पूरा कर लिया गया है। रेल पटरियों के किनारे सीमेंटेड स्लीपर पहले ही डाले जा चुके हैं।


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