मुंबई, एक जून :भाषा: मुंबई से पंजाब के फिरोजपुर जाने वाली बहुचर्चित ट्रेन पंजाब मेल के संचालन के 104 साल पूरे हो गए हैं और यह ऐसी पहली भारतीय ट्रेन है।
मध्य रेलवे ने आज एक बयान में कहा कि आजादी से पहले ट्रेन को पंजाब लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। ट्रेन की शुरूआत 1912 में की गयी थी।
हालांकि बयान के अनुसार ट्रेन के संचालन शुरू होने की सही तारीख का पता नहीं है और उस समय के ‘‘एक नाराज यात्री’’ की शिकायत के आधार पर ट्रेन के संचालन के शुरू होने के समय का पता लगाया गया।
इसमें कहा गया, ‘‘बंबई :अब मुंबई: से पेशावर जाने वाली पंजाब मेल की शुरूआत की जानकारी अस्पष्ट है। 1912 के आसपास के एक खर्च अनुमान पत्र और एक नाराज यात्री के 12 अक्तूबर, 1912 के आसपास ‘दिल्ली में ट्रेन के देर से पहुंचने’ को लेकर दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि पंजाब मेल एक जून, 1912 को बलार्ड पियर मोल स्टेशन से पहली बार यात्रा पर निकली थी।’’ उस समय ट्रेन में छह डिब्बे थे - तीन यात्री डिब्बे और डाक माल एवं पत्र के लिए तीन दूसरे डिब्बे।
बयान में कहा गया कि यात्री डिब्बों में 96 यात्रियों के बैठने की क्षमता थी। ये डिब्बे उच्च वर्ग के लिए थे। इसलिए उन्हें बहुत अच्छे से रखा गया था। उनमें शौचालय, गुसलखाने, एक रेस्त्रा, सामान के लिए एक डिब्बा और ‘श्वेत साहबों’ के सेवक होते थे।
ट्रेन बंबई विक्टोरिया टर्मिनस :अब मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस: से 1914 से निकलनी और वापस आनी शुरू हुई। इसके बाद ट्रेन को पंजाब मेल के नाम से जाना गया और इसका रोजाना सफर शुरू हो गया।
बाद में ट्रेन ने निचले वर्ग के लिए सेवा देनी शुरू कर दी। ट्रेन इस समय मुंबई से फिरोजपुर छावनी के बीच का सफर 34 घंटे में पूरी करती है।
मध्य रेलवे ने आज एक बयान में कहा कि आजादी से पहले ट्रेन को पंजाब लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। ट्रेन की शुरूआत 1912 में की गयी थी।
हालांकि बयान के अनुसार ट्रेन के संचालन शुरू होने की सही तारीख का पता नहीं है और उस समय के ‘‘एक नाराज यात्री’’ की शिकायत के आधार पर ट्रेन के संचालन के शुरू होने के समय का पता लगाया गया।
इसमें कहा गया, ‘‘बंबई :अब मुंबई: से पेशावर जाने वाली पंजाब मेल की शुरूआत की जानकारी अस्पष्ट है। 1912 के आसपास के एक खर्च अनुमान पत्र और एक नाराज यात्री के 12 अक्तूबर, 1912 के आसपास ‘दिल्ली में ट्रेन के देर से पहुंचने’ को लेकर दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि पंजाब मेल एक जून, 1912 को बलार्ड पियर मोल स्टेशन से पहली बार यात्रा पर निकली थी।’’ उस समय ट्रेन में छह डिब्बे थे - तीन यात्री डिब्बे और डाक माल एवं पत्र के लिए तीन दूसरे डिब्बे।
बयान में कहा गया कि यात्री डिब्बों में 96 यात्रियों के बैठने की क्षमता थी। ये डिब्बे उच्च वर्ग के लिए थे। इसलिए उन्हें बहुत अच्छे से रखा गया था। उनमें शौचालय, गुसलखाने, एक रेस्त्रा, सामान के लिए एक डिब्बा और ‘श्वेत साहबों’ के सेवक होते थे।
ट्रेन बंबई विक्टोरिया टर्मिनस :अब मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस: से 1914 से निकलनी और वापस आनी शुरू हुई। इसके बाद ट्रेन को पंजाब मेल के नाम से जाना गया और इसका रोजाना सफर शुरू हो गया।
बाद में ट्रेन ने निचले वर्ग के लिए सेवा देनी शुरू कर दी। ट्रेन इस समय मुंबई से फिरोजपुर छावनी के बीच का सफर 34 घंटे में पूरी करती है।



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