अगले साल से नया टाइमटेबल
राजधानी आए रेलवे बोर्ड के सदस्य मो. जमशेद ने दी जानकारी
NBT
एमटी ने कहा कि तत्काल टिकट खुलने के दौरान आईआरसीटीसी की वेबसाइट व रिजर्वेशन सेंटर्स पर आरक्षण कराने वालों पर पूरी नजर रखी जा रही है। जहां भी दलालों का पता चलता है उनकी धरपकड़ की जा रही है। उन्होंने तत्काल में दलालों के किदखलंदाजी से इंकार किया।
आईआरसीटीसी के सर्वर पर पूरी नजर
रेलवे बोर्ड के मेंबर मो. जमशेद ने दी तैयारियों की जानकारी।
अगले साल जारी होने वाले टाइम टेबल में खासा सुधार दिखेगा। खासतौर पर 2017 से मालगाड़ियों को टाइमटेबल से चलवाया जाएगा। मंत्रालय ने देश भर में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों की औसत स्पीड बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली है। रेलवे बोर्ड के सदस्य यातायात मोहम्मद जमशेद ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी।
सदस्य यातायात मो. जमशेद ने डीआरएम कार्यालय सभागार में पत्रकारों से बताया कि मेल व एक्सप्रेस एक्सप्रेस गाड़ियों की औसत स्पीड 55 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 60 किमी प्रति घंटा की जाएगी। जबकि मालगाड़ियों की औसत गति 25 से 30 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। योजना को अमलीजामा देने के लिए मोबिलिटी डायरेक्ट्रेट का गठन किया गया है। इसके तहत यूपी में 2016-17 में 4923 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने बीते वर्षों की तुलना पर यूपी में काफी अधिक पैसा खर्च कर रहा है। निवेश व खर्च के मामले में यूपी दूसरे नंबर पर है।
चारबाग की ओर से कैब-वे की कनेक्टिविटी जल्द : लखनऊ जंक्शन के कैब-वे को चारबाग स्टेशन परिसर की ओर से बेहतर कनेक्टिविटी न मिलने के सवाल पर डीआरएम आलोक सिंह व डीआरएम एके लाहोटी से मीटिंग में ही मसला हल करने को कहा। इस पर लाहोटी ने जल्द ही समस्या दूर करने का की बात कही। यह मामला करीब दशक भर से लंबित है।
पटरियों पर क्षमता से ड्योढ़ी ट्रेनों का संचालन : सदस्य यातायात ने ट्रेनों को आउटर सिग्नलों व बीच रास्ते में रोके जाने को लेकर कहा कि पटरियों पर ट्रेनों का दबाव करीब ड्योढ़ा हो गया है। इससे सभी ट्रेनों को राइट टाइम चलाना संभव नहीं है। जिस समय में 100 ट्रेनें चलनी चाहिए उतने में 150 ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसे सुधारना काफी मुश्किल है। दावा किया कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर चालू होने के बाद सभी ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चलने लगेंगी। उत्तर रेलवे के तीन रूटों पर रेलवे लाइन की डबलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य हो जाने से भी राहत मिलेगी।
कोहरे में जरूरत भर ट्रेनें ही होंगी कैंसल
ठंड में कोहरे के दौरान केवल जरूरत भर ट्रेनें ही कैंसल की जाएंगी। इतना ही नहीं कोहरा न पड़ने पर कैंसल की गई ट्रेनों को चला दिया जाएगा। कोशिश रहेगी कि कम से कम ट्रेनें कैंसल की जाएं। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि रेलवे हर सेक्टर के पैसेंजर्स के लिए अलग-अलग ट्रेनें चलाने की कोशिश कर रहा है। सीमित संसाधनों में हर सम्भव कोशिश की जा रही है।
राजधानी आए रेलवे बोर्ड के सदस्य मो. जमशेद ने दी जानकारी
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एमटी ने कहा कि तत्काल टिकट खुलने के दौरान आईआरसीटीसी की वेबसाइट व रिजर्वेशन सेंटर्स पर आरक्षण कराने वालों पर पूरी नजर रखी जा रही है। जहां भी दलालों का पता चलता है उनकी धरपकड़ की जा रही है। उन्होंने तत्काल में दलालों के किदखलंदाजी से इंकार किया।
आईआरसीटीसी के सर्वर पर पूरी नजर
रेलवे बोर्ड के मेंबर मो. जमशेद ने दी तैयारियों की जानकारी।
अगले साल जारी होने वाले टाइम टेबल में खासा सुधार दिखेगा। खासतौर पर 2017 से मालगाड़ियों को टाइमटेबल से चलवाया जाएगा। मंत्रालय ने देश भर में मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही मालगाड़ियों की औसत स्पीड बढ़ाने की तैयारी पूरी कर ली है। रेलवे बोर्ड के सदस्य यातायात मोहम्मद जमशेद ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी।
सदस्य यातायात मो. जमशेद ने डीआरएम कार्यालय सभागार में पत्रकारों से बताया कि मेल व एक्सप्रेस एक्सप्रेस गाड़ियों की औसत स्पीड 55 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 60 किमी प्रति घंटा की जाएगी। जबकि मालगाड़ियों की औसत गति 25 से 30 किमी प्रति घंटा हो जाएगी। योजना को अमलीजामा देने के लिए मोबिलिटी डायरेक्ट्रेट का गठन किया गया है। इसके तहत यूपी में 2016-17 में 4923 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने बीते वर्षों की तुलना पर यूपी में काफी अधिक पैसा खर्च कर रहा है। निवेश व खर्च के मामले में यूपी दूसरे नंबर पर है।
चारबाग की ओर से कैब-वे की कनेक्टिविटी जल्द : लखनऊ जंक्शन के कैब-वे को चारबाग स्टेशन परिसर की ओर से बेहतर कनेक्टिविटी न मिलने के सवाल पर डीआरएम आलोक सिंह व डीआरएम एके लाहोटी से मीटिंग में ही मसला हल करने को कहा। इस पर लाहोटी ने जल्द ही समस्या दूर करने का की बात कही। यह मामला करीब दशक भर से लंबित है।
पटरियों पर क्षमता से ड्योढ़ी ट्रेनों का संचालन : सदस्य यातायात ने ट्रेनों को आउटर सिग्नलों व बीच रास्ते में रोके जाने को लेकर कहा कि पटरियों पर ट्रेनों का दबाव करीब ड्योढ़ा हो गया है। इससे सभी ट्रेनों को राइट टाइम चलाना संभव नहीं है। जिस समय में 100 ट्रेनें चलनी चाहिए उतने में 150 ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसे सुधारना काफी मुश्किल है। दावा किया कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर चालू होने के बाद सभी ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चलने लगेंगी। उत्तर रेलवे के तीन रूटों पर रेलवे लाइन की डबलिंग और इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य हो जाने से भी राहत मिलेगी।
कोहरे में जरूरत भर ट्रेनें ही होंगी कैंसल
ठंड में कोहरे के दौरान केवल जरूरत भर ट्रेनें ही कैंसल की जाएंगी। इतना ही नहीं कोहरा न पड़ने पर कैंसल की गई ट्रेनों को चला दिया जाएगा। कोशिश रहेगी कि कम से कम ट्रेनें कैंसल की जाएं। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि रेलवे हर सेक्टर के पैसेंजर्स के लिए अलग-अलग ट्रेनें चलाने की कोशिश कर रहा है। सीमित संसाधनों में हर सम्भव कोशिश की जा रही है।


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